Manipur के कदांगबंद क्षेत्र में संदिग्ध उग्रवादियों का हमला, मई 2023 से जारी है हिंसा
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Manipur के इम्फाल जिले के कदांगबंद क्षेत्र में बुधवार की सुबह संदिग्ध उग्रवादियों ने हमला किया। यह हमला कांगपोकपी की पहाड़ी क्षेत्रों से किया गया, जहां से उग्रवादियों ने लगभग 1 बजे रात के समय अत्याधुनिक हथियारों से कई राउंड फायरिंग की और बम फेंके। यह घटना मणिपुर राज्य में 2023 में शुरू हुई हिंसा के बीच एक और कड़ी के रूप में सामने आई है।
हमले में किसी के घायल न होने की जानकारी
हमले के बाद कदांगबंद गांव में तैनात स्वयंसेवकों ने इसका जवाब दिया। हालांकि, अतिरिक्त सुरक्षा बलों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भेजा गया। पुलिस ने जानकारी दी है कि हमले के बाद किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। पुलिस के अनुसार, हमले के बाद गांव के लोग सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने के लिए मजबूर हो गए।
मणिपुर में हिंसा का लंबा इतिहास
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत मई 2023 में हुई थी, जब उग्रवादी समूहों द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में हमले किए गए। इन हमलों में सुरक्षा बलों के साथ-साथ नागरिकों पर भी हमलें हुए, जिससे राज्य में अस्थिरता और आतंक का माहौल बना हुआ है। कदांगबंद क्षेत्र पर होने वाले हमले इस हिंसा का हिस्सा हैं, और यह क्षेत्र पहले भी कई बार उग्रवादियों के निशाने पर रहा है।
सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियारों की बरामदगी की
पुलिस ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर और थौबल जिलों में तलाशी अभियान के दौरान बड़ी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद को जब्त किया। पुलिस के अनुसार, मंगलवार को सुरक्षा बलों ने थोंगखोंगलोक गांव से एक एसएलआर (सेमी ऑटोमेटिक राइफल) के साथ एक मैगजीन, एक .303 राइफल, एक 12 बोर सिंगल बैरल गन, दो 9 एमएम पिस्तौल, एक एंटी राइएट गन, दो INSAS एलएमजी मैगजीन, दो INSAS राइफल मैगजीन, चार हैंड ग्रेनेड, एक डेटोनेटर, पांच एंटी राइएट शेल्स, गोला-बारूद और अन्य सामग्री जब्त की।
इसके अलावा, थौबल जिले में सुरक्षा बलों ने एक एंटी मटेरियल राइफल स्नाइपर, जिसे sight scope और मैगजीन के साथ संशोधित किया गया था, दो सिंगल बोल्ट एक्शन राइफल्स, तीन 9 एमएम पिस्तौल, एक हैंड ग्रेनेड, चार MAK 13T राइफल्स और गोला-बारूद जब्त किए।
मणिपुर में उग्रवाद की स्थिति
मणिपुर में उग्रवाद की स्थिति पिछले कई दशकों से चिंता का कारण बनी हुई है। राज्य में कई उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं, जो अपनी विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। 2023 में हिंसा के तेज होने के बाद, राज्य की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
उग्रवादियों ने नागरिकों और सुरक्षा बलों दोनों को निशाना बनाकर राज्य में आतंक का माहौल पैदा किया है। इन हमलों में अक्सर नागरिकों को निशाना बनाया जाता है, जो इस संघर्ष के सीधे प्रभाव को महसूस करते हैं। हिंसा के कारण बहुत से लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए हैं।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक व्यक्ति
मंगलवार को पुलिस ने मणिपुर के इम्फाल पूर्व जिले के मंट्रिपुखरी बाजार के पास बंगाली क्रॉसिंग से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। यह व्यक्ति प्रतिबंधित संगठन कांगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी से संबंधित था और उसे मणिपुर के बाजारों से पैसे की वसूली में संलिप्त पाया गया। पुलिस ने उसके पास से एक 9 एमएम पिस्तौल, दो नोटों के बंडल और अन्य सामान जब्त किए।
गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि उग्रवादी संगठन न केवल हिंसा के जरिए बल्कि अवैध वसूली और आतंक फैलाकर भी राज्य में अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इस संघर्ष को समाप्त करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
मणिपुर के लिए भविष्य की दिशा
मणिपुर में उग्रवाद के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई चल रही है, और सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई प्रयास किए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन उग्रवादी समूह अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए विभिन्न प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने मणिपुर में शांति और सुरक्षा की स्थिति को बहाल करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इसके तहत सुरक्षा बलों को और अधिक सशक्त किया गया है, और नागरिकों को उग्रवादियों से बचाने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं। इसके बावजूद, मणिपुर में उग्रवाद की समस्या को पूरी तरह से समाप्त करना अभी भी एक कठिन कार्य है।
मणिपुर के कदांगबंद क्षेत्र में हुए हालिया हमले ने राज्य की सुरक्षा स्थिति को फिर से उजागर किया है। उग्रवादी हमले और अवैध हथियारों की बरामदगी यह साबित करती है कि मणिपुर में उग्रवादियों का प्रभाव अभी भी मजबूत है। हालांकि, सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही कार्रवाई और गिरफ्तारियां राज्य में शांति बहाल करने के प्रयासों का हिस्सा हैं, लेकिन उग्रवाद की समस्या को खत्म करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को और अधिक कठोर उपायों की आवश्यकता होगी। मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सभी स्तरों पर समन्वय और सहयोग आवश्यक है।